Indian Council of Forestry Research and Education
भावाअशिप - उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान
ICFRE - Tropical Forest Research Institute, Jabalpur

वन विस्तार

अंतिम नवीनीकृत तिथि : 08 August 2025

संस्थान का वन विस्तार प्रभाग संस्थान एवं विभिन्न हितग्राहियों के बीच सेतु के रूप में  कार्य करता है ।  यह प्रभाग संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा समय-समय पर आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों /संगोष्टियों / कार्यशालाओं / सम्मेलनों, किसान मेला एवं प्रदर्शनियों में संस्थान का प्रतिनिधित्व कर जन समुदाय को वानिकी क्षेत्र में संस्थान की विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों एवं क्षेत्र की विभिन्न वानिकी संबंधित समस्याओं तथा पर्यावरण पुनर्वास, खदानों के उपरि भार के उपचार एवं वन व पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर तकनीकी हेतु समाधान की जानकारी प्रदान करता है ।  इसके साथ ही वन विस्तार प्रभाग प्रौद्योगिकियों/तकनीकों के प्रचार-प्रसार हेतु नये संस्थानों द्वारा समय-समय पर आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों वैज्ञानिकों/विशेषज्ञों के माध्यम से परामर्श उपलब्ध कराने में समन्वयन करता है ।  इसके साथ ही आगंतुकों/ गणमान्य व्यक्तियों के संस्थान भ्रमण/ प्रवास के दौरान उन्हे संस्थान की विभिन्न शोध गतिविधियों से परिचित कराता है ।

विस्तार गतिविधियां

वन-विज्ञान केन्द्र

संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों/तकनीकों के प्रदर्शन हेतु संस्थान उसके कार्यक्षेत्र वाले तीन राज्य जोकि-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र में विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों एवं क्षेत्र की विभिन्न वानिकी संबंधित समस्याओं हेतु समाधान की जानकारी प्रदान करने हेतु वन-विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की है ।  यह वन-विज्ञान केन्द्र, मध्य प्रदेश में जबलपुर, छत्तीसगढ़ में रायपुर, एवं महाराष्ट्र में जालना जिले में कार्यरत हैं ।  वन-विज्ञान केन्द्र की स्थापना एवं उनके कार्य तथा विस्तार प्रणालियों को मजबूत करने के लिए संस्थान का यह वन-विस्तार प्रभाग उक्त वन-विज्ञान केन्द्रों में वृक्षरोपणियों के विकास एवं प्रबंधन, विस्तार उपकरणों का क्रय, हितग्राहियों के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने एवं वन-विस्तार गतिविधियों की प्रचार-प्रसार सामग्री के मुद्रण एवं प्रकाशन के लिए राशि उपलब्ध करता है तथा नियमित  प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से वानिकी क्षेत्र में उपभोक्ता समूहों, विशेषकर किसानों तक आधुनिक तकनीकों के प्रचार-प्रसार हेतु सतत् कार्य करता है ।

कृषि विज्ञान केन्द्र से समन्वयन

कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से वानिकी के प्रचार-प्रसार के लिए भारतीय वानिकी कृषि वानिकी अनुसंधान परिषद् से किये गये समझौता-ज्ञापन के तहत संस्थान के वन-विस्तार प्रभाग को नोडल प्रभाग के रूप में नामित किया गया है ।  इस योजना के अंतर्गत संस्थान के विषय विशेषज्ञ कृषि-विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर वानिकी की नई तकनीकों से हितग्राहियों विशेषकर किसानों को अवगत कराते हैं ।

प्रदर्शन ग्राम

संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों/तकनीकों का उपभोक्ता समूहतक समुचित प्रचार-प्रसार एवं प्रदर्शन करने हेतु संस्थान द्वारा ग्राम माईयानाला परिक्षेत्र –बीजाडांडी (पश्चीम मंडला म.प्र.) में एक प्रदर्शन ग्राम की स्थापना की की गई  है ।  प्रदर्शन ग्रामों में संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों /तकनीकों के स्थानान्तरण हेतु प्रदर्शन संबंधी गतिविधियां संचालित की जा रही है ।

यह प्रदर्शन ग्राम संस्थान से लगभग 25 कि.मी. दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 12 ए पर स्थित है जो गलभग 10 हेक्टर के क्षेत्र में फैला हुआ है ।  वर्तमान में यहां पर संस्थान द्वारा सागौन की कुछ क्लोन में निष्पत्रक (लिफडिफोलियर) एवं पत्तीकंकालक (रक्लेरीओनाइजर) के प्रति सापेक्ष प्रतिरोधक क्षमता एवं वानिकी प्रजातियों में जैव ऊर्वरक (वैम एवं जोस्पाइरिलिम)  के उपयोग का प्रदर्शन करने के  लिए वृक्षारोपण किया गया है । प्रदर्शन ग्रामों में प्रदर्शित की गयी प्रौद्योगिकियों / तकनीकों के परिणामों को परिचित कराने वास्ते संस्थान द्वारा विभिन्न हितग्राहितयों हेतु नियमित भ्रमण आयोजित किया जाता है ।

प्रभाग की परम्परागत विस्तार गतिविधियॉ

संग्रहालय-सह-परिचय केन्द्र

वानिकी, पर्यावरण संरक्षण एवं संबंधित अनुसंधानों पर जागरुकता के प्रचार-प्रसार हेतु इस प्रभाग के अधीन एक परिचय केन्द्र एवं संग्रहालय स्थापित किया गया है ।  इस परिचय केन्द्र एवं संग्रहालय की स्थापना विभिन्न आगंतुक समूहों जैसे- शिक्षण संस्थाएं, शोध संस्थाएं, वन विभाग, गैर-शासकीय संस्थाएं इत्यादि से जुडे विद्यार्थियों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं किसानों में जागरुकता उत्पन्न करने के उद्येश्य से की गई है ।  संग्रहालय में विभिन्न देशों द्वारा वानिकी के महत्व को प्रदर्शित करते हुए जारी डाक टीकटों का संग्रह भी उपलब्ध है ।    यह परिचय केन्द्र एवं संग्रहालय कार्यालयीन अवधी के दौरान, सोमवार से शुक्रवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एवं दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक जनसाधारण के भ्रमण हेतु खुला रहता है ।  

मकड़ालय

उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान संस्थान द्वारा संस्थान में एक मकड़ालय स्थापित किया गया है ।  इस मकड़ालय में मध्य भारत की लगभग 250 प्रजातियों के रंगीन चित्रों तथा कुछ स्थलीय एवं जलीय मकड़ियों का जीवन चक्र प्रदर्शित करने की विशेष व्यवस्था की गई है । 

महत्वपूर्ण दिवस आयोजन

प्रभाग द्वारा पर्यावरण जागरुकता हेतु नियत दिनों पर विभिन्न दिवसों जैसे – विश्वपर्यावरण दिवस, विश्वजैवविविधता दिवस, विश्व वानिकी दिवस एवं वनमहोत्सवआदि का आयोजन किया जाता है ।  स्थानीय विद्यार्थियों, युवाओं एवं अन्य हितग्राहियों को आमंत्रित कर विभिन्न प्रतियोगिताओं  प्रदर्शनों एवं उनकी सहभागिता से इन कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित करता है ।

विस्तार प्रशिक्षण/कार्यशालाएं 

प्रभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न हितग्राहियों हेतु वानिकी संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का अयोजन किया जाता है ।  संस्थान में इस प्रभाग द्वारा विगत वर्षों में लगभग 300 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसमें लगभग 4000 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है ।  साथ ही वर्ष 2018 से कुशल भारत योजना के अन्तर्गत संस्थान द्वारा कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे है तथा इसी कडी में 2018-19 से अब तक हिरित कौशल विकास योजना के अन्तर्गत/रोजगारउन्मुखि प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन इस संस्थान द्वारा किया गया है जिसमें लगभग 150 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है ।

प्रदर्शन कार्यक्रम

संस्थान के इस प्रभाग द्वारा विभिन्न संस्थानों तथा प्रशिक्षण संस्थानों एवं वन प्रशिक्षण विद्यालय से आए विद्यार्थियों एवं मध्य प्रदेश प्रशिक्षणार्थियों तथा सामान्यजनों हेतु जागरुकता कार्यक्र का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है ।  जिसमें आगन्तुकों को संस्थान संसथान की विभिन्न शोध गतिविधियों से परिचित कराया जाता है ।

रेडियो एवं टेलिविजन परिचर्चा

व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्येश्य से आवश्यकतानुसार रेडियो एवं टेलिविजन के माध्यम से महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा कर विषय विशेष पर जनसारधारण तक जानकारी को प्रसारित किया जाता है ।

प्रकाशन

विस्तार प्रभाग अनुसंधान गतिविधियों एवं आर्थिक दृष्टि से  महत्वपूर्ण तकनीकों के प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न भाषाओं में ब्रोशर्स एवं पाम्पलेस् के प्रकाशन का कार्य करता है ।  संस्थान ने अब तक 49 ब्रोशर्स प्रकाशित किये है जिसमें हिन्दी के – 23, अंग्रेजी के -12, मराठी के – 17 एवं छत्तीसगढ़ी के -07 ब्रोशर्स सम्मिलित है ।

प्रकृति कार्यक्रम

विद्यार्थियों, विशेषक स्कूलों के कोपर्यावरण चेतना तथा उसके प्रति संवेदनशीलता बनाने के उद्येश्य से वर्ष 2017-18 से प्रकृति कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जा रहा है ।  इन कार्यक्रमों में संस्थान के विभिन्न वैज्ञानिक स्कूलों में जाकर उनके साथ विचार-विमर्श कर पर्यावरण सुरक्षा हेतु जानकारी प्रदान करते हैं ।  साथ ही शिक्षकों एवं विद्यार्थियों हेतु कार्यशाला का आयोजन कर आधुनिक पर्यावरणीय तकनीकों से परिचय कराया जाता है ।  इसके अन्तर्गत प्रभाग द्वारा 10 कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है । 

प्रभाग में उपलब्ध सुविधाए

सभागारः ऑडियो एवं वीडियोकॉन्फ्रेसिंग सिस्टम से सुसज्जित सभागार - 03
वीडियोकॉन्फ्रेसिंग कक्ष - 01


संपर्क

डॉ. ननिता बेरी

वैज्ञानिक-एफ एवं प्रभागाध्यक्ष

दूरभाष:0761-2997371 (O)

ई-मेल : headext_tfri@icfre.org, nanita.berry@gov.in, berryn@icfre.org

संकल्पना एवं विकास: सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग, भा.वा.अ.शि.प. मुख्यालय
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